दामोदर पंडित
बारहवीं सदी में दामोदर पंडित ने “उक्ति व्यक्ति प्रकरण’ की रचना की। इसमें पुरानी अवधी तथा शौरसेनी – ब्रज – के अनेक शब्दों का उल्लेख प्राप्त है। बारहवीं शती के प्रारंभ में बनारस के दामोदर पंडित द्वारा रचित बोलचाल की संस्कृत भाषा सिखाने वाला ग्रंथ “उक्ति-व्यक्ति-प्रकरण” से हिन्दी की प्राचीन कोशली या अवधी बोली के स्वरूप का कुछ बोध कराने में सहायता प्रदान करती हैं । हिन्दी भाषा के क्रमिक विकास एवं इतिहास के विचार से बारहवीं शती के प्रारम्भ में बनारस के दामोदर पंडित द्वारा रचित द्विभाषिक ग्रंथ ‘उक्ति-व्यक्ति-प्रकरण’ का विशेष महत्त्व है । यह ग्रंथ हिन्दी की पुरानी कोशली या अवधी बोली बोलने वालों के लिए संस्कृत सिखाने वाला एक मैनुअल है, जिसमें पुरानी अवधी के व्याकरणिक रूपों के समानान्तर संस्कृत रूपों के साथ पुरानी कोशली एवं संस्कृत दोनों में उदाहरणात्मक वाक्य दिये गये हैं । उदाहरणस्वरूपः- पुरानी कोशली संस्कृत को ए ? कोऽयम् ? काह ए ? किमिदम् ? काह ए दुइ वस्तु ? के एते द्वे वस्तुनी ? काह ए सव ? कान्येतानि सर्वाणि ? तेन्ह मांझं कवण ए ? तयोस्तेषां वा मध्ये कतमोऽय