प्रेमाश्रयी शाखा के कवि
निर्गुण प्रेमाश्रयी शाखा के प्रमुख कवियों का परिचय मलिक मुहम्मद जायसी, कुतबन, मंझन, उसमान, शेख नवी, कासिमशाह, नूर मुहम्मद, मुल्ला दाउद | मलिक मुहम्मद जायसी जायसी के जन्म और मृत्यु की कोई प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध रहीं है. ये हिन्दी में सूफ़ी काव्य परंपरा के श्रेष्ठ कवि माने जाते हैं. ये अमेठी के निकट जायस के रहने वाले थे, इसलिए इन्हें जायसी कहा जाता है. जायसी अपने समय के सिद्ध फ़कीरों में गिने जाते थे. अमेठी के राजघराने में इनका बहुत मान था. जीवन के अंतिम दिनों में जायसी अमेठी से दो मिल दूर एक जंगल में रहा करते थे. वहीं उनकी मृत्यु हुई. काजी नसरूद्दीन हुसैन जायसी ने, जिन्हें अवध में नवाब शुजाउद्दौला से सनद मिली थी, अपनी याददाश्त में जायसी का मृत्युकाल 4 रजब 949 हिजरी लिखा है. यह काल कहाँ तक ठीक है, नहीं कहा जा सकता. ये काने और देखने में कुरूप थे. कहते हैं कि शेरशाह इनके रूप को देखकर हँसा था. इस पर यह बोले ‘मोहिका हँसेसि कि कोहरहि ?’ इनके समय में भी इनके शिष्य फ़कीर इनके बनाये भावपूर्ण दोहे, चौपाइयाँ गाते फिरते थे. इन्होंने तीन पुस्तकें लिखी – एक तो प्र
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